हिरासत में व्यापारी की मौत, पुलिस पर पिटाई कर हत्या का आरोप, 11 पुलिसकर्मी निलंबित

हिरासत में व्यापारी की मौत, पुलिस पर पिटाई कर हत्या का आरोप, 11 पुलिसकर्मी निलंबित

Custodial Death in Kanpur

Custodial Death in Kanpur

Custodial Death in Kanpur: कानपुर (Kanpur) देहात में बाइक सवारों ने 6 दिसंबर को मिर्ची झोंककर व्यापारी चंद्रभान सिंह से दो लाख रुपये लूट लिए थे. पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को हिरासत में(five people in custody) लिया है. हिरासत में लिए गए युवकों में से एक चंद्रभान का भतीजा बलवंत सिंह भी शामिल था. वहीं, व्यापारी अपने भतीजे को इसमें निर्दोष(innocent बता रहा है और उनका कहना है कि कई बार कहने के बावजूद भी पुलिस ने  बलवंत सिंह को नहीं छोड़ा और उसे पुलिस टॉर्चर करती रही. बलवंत पिटाई से मौत (Custodial Death) हो गई.

बलवंत की मौत के बाद पुलिस के हाथ-पांव फूल गए, पुलिस पर आरोप है कि वह परिवार को बलवंत की जानकारी नहीं दी जा रही थी और उसे अलग-अलग थाने में घुमा रही थी. परिजनों को पता चला कि  बलवंत की मौत हो गई और शव जिला अस्पताल में पड़ा हुआ है. पुलिस पर मामले को मीडिया से दूर रखने का भी आरोप है. परिजनों को मौत की जानकारी मिलने पर उन्होंने जमकर हंगामा काटा.  क्षेत्राधिकारी प्रभात कुमार सिंह ने परिजनों को समझाने का प्रयास किया लेकिन परिजन लगातार एक ही बात पूछते रहे कि आखिर उनका बेटा कहां है? 

पुलिस अधीक्षक ने जांच टीम के लोगों को सस्पेंड किया

व्यापारी का आरोप है कि उसने पुलिस से बार-बार कहा कि घर का बेटा लूट में शामिल नहीं है और जिन लोगों ने लूट की थी उनकी कदकाठी अलग थी और उनके बेटे की अलग लेकिन पुलिस ने उनकी नहीं सुनी और बलवंत को बेरहमी से मारती-पीटती रही और इसी वजह से उसने दम तोड़ दिया. पुलिस अधीक्षक ने कहा कि पुलिस टीम ने अविनाश कुशवाहा , सूरज और कल्लू  उर्फ शिवा को गिरफ्तार किया था. उन्हीं के बयानों और अन्य तथ्यों में कुछ और नाम प्रकाश में आए जिस क्रम मेंबलवंत सिंह को तफ्तीश करने के लिए बुलाया गया. वह खुद थाने आया था और कुछ समय में सीने में दर्द की शिकायत करने लगा, तत्काल फर्स्ट ऐड के लिए उसे अस्पताल में भर्ती किया गया लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.  प्रथम दृष्टया जो टीम इसमें शामिल थी उसके सदस्यों को निलंबित कर दिया गया है और जांच के आदेश दिए गए हैं. 

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